Aacharya Vidyasagar Ki Aarti – आचार्य विद्यासागर की आरती

आज हम सब आचार्य विद्यासागर जी की स्तुति करेंगे उनकी Aacharya Vidyasagar Ki Aarti आचार्य विद्यासागर की आरती करेंगे.

आचार्य विद्यासागर जी जैन धर्म के प्रसिद्ध दिगम्बर जैन आचार्य हैं. आचार्य जी अत्यंत ही विद्वान और तपस्वी हैं.

वे हिंदी, अंग्रेजी के साथ साथ लगभग आठ भाषाओँ के ज्ञाता हैं. उन्होंने कई साहित्य और ग्रंथ की रचना की है.

आचार्य श्री द्वारा 130 मुनिराजो, 172 आर्यिकाओं व 20 ऐलक जी,14 क्षुल्लकगणों को दीक्षित किया गया है.

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    Aacharya Vidyasagar Ki Aarti – आचार्य विद्यासागर की आरती

    || आचार्य श्री विद्यासागर जी की आरती ||

    विद्यासागर की, गुणआगर की, शुभ मंगल दीप सजाय के।

    आज उतारूँ आरतिया…..॥1॥

    मल्लप्पा श्री, श्रीमती के गर्भ विषैं गुरु आये।

    ग्राम सदलगा जन्म लिया है, सबजन मंगल गाये॥

    न रागी की, द्वेषी की, शुभ मंगल दीप सजाय के।

    गुरु जी सब जन मंगल गाये,

    आज उतारूँ आरतिया…..॥2॥

    गुरुवर पाँच महाव्रत धारी, आतम ब्रह्म विहारी।

    खड्गधार शिवपथ पर चलकर, शिथिलाचार निवारी॥

    गृह त्यागी की, वैरागी की, ले दीप सुमन का थाल रे।

    गुरुजी शिथिलाचार निवारी,

    आज उतारूँ आरतिया…..॥3॥

    गुरुवर आज नयन से लखकर, आलौकिक सुख पाया।

    भक्ति भाव से आरति करके, फूला नहीं समाया॥

    ऐसे मुनिवर को, ऐसे ऋषिवर को, हो वंदन बारम्बार हो।

    गुरु जी फूला नहीं समाया,

    आज उतारुँ आरतिया…..॥4॥

    आज के इस महत्वपूर्ण प्रकाशन में बस इतना ही.

    आप सब सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक आचार्य श्री विद्यासागर जी की आरती करें.

    कुछ जानकारी –

    आचार्य विद्यासागर जी का जन्म कब हुआ था?

    आचार्य श्री विद्यासागर जी का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को हुआ था.

    श्री आचार्य विद्यासागर जी के आचार्य कौन थे?

    श्री आचार्य विद्यासागर जी के आचार्य ज्ञानसागर जी थे.

    कुछ और महत्वपूर्ण आरतियाँ –

    24 Tirthankar ki Aarti | चौबीस तीर्थंकर की आरती

    Panch Parmeshthi Ki Aarti | पंच परमेष्ठी की आरती

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    नाकोड़ा भैरव जी की आरती Nakoda Bhairav Aarti

    Om Jai Mahavir Prabhu Aarti – ॐ जय महावीर प्रभु आरती

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