Ajitnath Bhagwan Ki Aarti अजितनाथ भगवान की आरती – भगवान श्री अजितनाथ जी जैन धर्म के द्वितीय तीर्थंकर थे.
इस पोस्ट में हमने श्री अजितनाथ जी की आराधना और स्तुति के लिए श्री अजितनाथ भगवान की पावन आरती का प्रकाशन किया है.
श्री अजितनाथ जी का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था. इनकी माता का नाम विजयादेवी और पिता का नाम राजा जितशत्रु था.
Ajitnath Bhagwan Ki Aarti अजितनाथ भगवान की आरती
|| श्री अजितनाथ भगवान की आरती ||
जय श्री अजित प्रभु, स्वामी जय श्री अजित प्रभु ।
कष्ट निवारक जिनवर, तारनहार प्रभु ॥
पिता तुम्हारे जितशत्रू और, माँ विजया रानी ।
स्वामी माँ विजया रानी ।
माघ शुक्ल दशमी को जन्मे, त्रिभुवन के स्वामी ।
स्वामी जय श्री अजित प्रभु……
उल्कापात देख कर प्रभु जी, धार वैराग्य लिया ।
स्वामी धार वैराग्य लिया ।
गिरी सम्मेद शिखर पर, प्रभु ने पद निर्वाण लिया ॥
स्वामी जय श्री अजित प्रभु……
यमुना नदी के तीर बटेश्वर, अतिशय अति भारी ।
स्वामी अतिशय अति भारी ।
दिव्य शक्ति से आई प्रतिमा, दर्शन सुखकारी ॥
स्वामी जय श्री अजित प्रभु……
प्रतिमा खंडित करने को जब, शत्रु प्रहार किया ।
स्वामी शत्रु प्रहार किया ।
बही दूध की धार प्रभु ने, अतिशय दिखलाया ॥
स्वामी जय श्री अजित प्रभु……
बड़ी ही मन भावन हैं प्रतिमा, अजित जिनेश्वर की ।
स्वामी अजित जिनेश्वर की ।
मनवांछित फल पाया जाता, दर्शन करे जो भी ॥
स्वामी जय श्री अजित प्रभु……
जगमग दीप जलाओ सब मिल, प्रभु के चरनन में ।
स्वामी प्रभु के चरनन में ।
पाप कटेंगे जनम जनम के, मुक्ति मिले क्षण में ॥
स्वामी जय श्री अजित प्रभु……
इस आरती को भी देखें –
विडियो
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विडियो श्रोत – यूट्यूब
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