Kunthunath Chalisa | कुंथुनाथ भगवान चालीसा

Kunthunath Chalisa | कुंथुनाथ भगवान चालीसा – श्री कुंथुनाथ भगवान जैन धर्म के 17वें तीर्थंकर हैं.

इस पोस्ट में हम श्री कुंथुनाथ जी की आराधना और स्तुति के लिए कुंथुनाथ चालीसा का प्रकाशन कर रहें हैं. आप सब सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ कुंथुनाथ चालीसा का पाठ करें.

श्री कुंथुनाथ जी का जन्म हस्तिनापुर में हुआ था. इन्होने इक्ष्वाकु वंश में जन्म लिया था. इन्हें कुन्थुनाथ जिन के नाम से भी जाना जाता है. इनके माता का नाम रानी श्रीदेवी और पिता का नाम राजा शूरसेन था.

ChemiCloud's Black Friday & Cyber Monday Deals are Here!

अब हम श्री कुन्थुनाथ जी की आराधना के लिए श्री कुन्थुनाथ चालीसा (Shri Kunthunath Chalisa) का पाठ आरम्भ करतें हैं.

Kunthunath Chalisa | कुंथुनाथ भगवान चालीसा

|| श्री कुन्थुनाथ चालीसा ||

दयासिन्धु कुन्थु जिनराज, भवसिन्धु तिरने को जहाज ।
कामदेव चक्री महाराज, दया करो हम पर भी आज ।

जय श्री कुन्युनाथ गुणखान, परम यशस्वी महिमावान ।
हस्तिनापुर नगरी के भूपति, शूरसेन कुरुवंशी अधिपति ।

महारानी थी श्रीमति उनकी, वर्षा होती थी रतनन की ।
प्रतिपदा बैसाख उजियारी, जन्मे तीर्थकर बलधारी ।

गहन भक्ति अपने उर धारे, हस्तिनापुर आए सुर सारे ।
इन्द्र प्रभु को गोद में लेकर, गए सुमेरु हर्षित होकर ।

न्हवन करें निर्मल जल लेकर, ताण्डव नृत्य करे भक्वि- भर ।
कुन्थुनाथ नाम शुभ देकर, इन्द्र करें स्तवन मनोहर ।

दिव्य-वस्त्र- भूषण पहनाए, वापिस हस्तिनापुर को आए ।
कम-क्रम से बढे बालेन्दु सम, यौवन शोभा धारे हितकार ।

धनु पैंतालीस उन्नत प्रभु- तन, उत्तम शोभा धारें अनुपम ।
आयु पिंचानवे वर्ष हजार, लक्षण ‘अज’ धारे हितकार ।

राज्याभिषेक हुआ विधिपूर्वक, शासन करें सुनीति पूर्वक ।
चक्ररत्तन शुभ प्राप्त हुआ जब, चक्रवर्ती कहलाए प्रभु तब ।

एक दिन गए प्रभु उपवन मेँ, शान्त मुनि इक देखे मग में ।
इंगिन किया तभी अंगुलिसे, “देखो मुनिको’ -कहा मंत्री से ।

मंत्री ने पूछा जब कारण, “किया मोक्षहित मुनिपद धारण’ ।
कारण करें और स्पष्ट, “मुनिपद से ही कर्म हों नष्ट’ ।

मंत्रो का तो हुआ बहाना, किया वस्तुतः निज कल्याणा ।
चिन विरक्त हुआ विषयों से, तत्व चिन्तन करते भावों से ।

निज सुत को सौंपा सब राज, गए सहेतुक वन जिनराज ।
पंचमुष्टि से कैशलौंचकर, धार लिया पद नगन दिगम्बर ।

तीन दिन बाद गए गजपुर को, धर्ममित्र पड़गाहें प्रभु को ।
मौन रहे सोलह वर्षों तक, सहे शीत-वर्षा और आतप ।

स्थिर हुए तिलक तरु- जल में, मगन हुए निज ध्यान अटल में ।
आतम ने बढ़ गई विशुद्धि, कैवलज्ञान की हो गई सिद्धि ।

सूर्यप्रभा सम सोहें आप्त, दिग्मण्डल शोभा हुई व्याप्त ।
समोशरण रचना सुखकार, ज्ञाननृपित बैठे नर- नार ।

विषय-भोग महा विषमय है, मन को कर देते तन्मय हैं ।
विष से मरते एक जनम में, भोग विषाक्त मरें भव- भव में ।

क्षण भंगुर मानब का जीवन, विद्युतवन विनसे अगले क्षण ।
सान्ध्य ललिमा के सदृश्य ही, यौवन हो जाता अदृश्य ही ।

जब तक आतम बुद्धि नही हो, तब तक दरश विशुद्धि नहीं हौं ।
पहले विजित करो पंचेन्द्रिय, आत्तमबल से बनो जितेन्द्रिय ।

भव्य भारती प्रभु की सुनकर, श्रावकजन आनन्दित को कर ।
श्रद्धा से व्रत धारण करते, शुभ भावों का अर्जन करते ।

शुभायु एक मास रही जब, शैल सम्मेद पे वास किया तब ।
धारा प्रतिमा रोग वहॉ पर, काटा क्रर्मबन्ध्र सब प्रभुवर ।

मोक्षकल्याणक करते सुरगण, कूट ज्ञानधर करते पूजन ।
चक्री कामदेव तीर्थंकर, कुंन्धुनाथ थे परम हितंकर ।

चालीसा जो पढे भाव से, स्वयंसिद्ध हों निज स्वभाव से ।
धर्म चक्र के लिए प्रभु ने, चक्र सुदर्शन तज डाला ।
इसी भावना ने अरुणा को, किया ज्ञान में मतवाला ।

श्री पार्श्वनाथ जी की स्तुति के लिए Parshwanath Chalisa | श्री पार्श्वनाथ चालीसा का भक्तिपूर्वक पाठ करें.

विडियो

श्री कुन्थुनाथ चालीसा (Shri Kunthunath Chalisa) यूट्यूब विडियो हमने निचे दिया हुआ है ताकि आप सब सम्पूर्ण भक्तिभाव के साथ श्री कुंथुनाथ जी की आराधना कर सकें.

श्री कुंथुनाथ चालीसा

विडियो श्रोत यूट्यूब

कुंथुनाथ जी का जन्म कौन से वंश में हुआ था?

भगवान श्री कुंथुनाथ जी का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था.

जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में श्री कुंथुनाथ जी कौन से तीर्थंकर हैं?

श्री कुन्थुनाथ जी जैन धर्म के सत्रहवें तीर्थंकर हैं.

कुछ अन्य प्रकाशन –

Munisuvrat Nath Chalisa – मुनिसुव्रत नाथ चालीसा

Neminath Chalisa – श्री नेमिनाथ चालीसा

Padamprabhu Chalisa पदम प्रभु चालीसा पद्मप्रभ जी की स्तुति

Sheetalnath Chalisa | श्री शीतलनाथ चालीसा

Shreyansnath Chalisa | श्री श्रेयांसनाथ चालीसा

इस पोस्ट में किसी भी प्रकार के सुधार के लिए या फिर आप अपने विचार रखना चाहतें हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ChemiCloud's Black Friday & Cyber Monday Deals are Here!