Vasupujya Bhagwan ki Aarti श्री वासुपूज्य भगवान की आरती – हमने इस पोस्ट में श्री वासुपूज्य भगवान की आराधना और स्तुति के लिये आरती का प्रकाशन किया है.
श्री वासुपूज्य भगवान जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर थे. इन्होने इक्ष्वाकु वंश में जन्म लिया था. इनका जन्म चम्पापुरी में हुआ था. इन्होने निर्वाण भी चम्पापुर में ही प्राप्त किया था.
Vasupujya Bhagwan ki Aarti – वासुपूज्य भगवान की आरती
|| श्री वासुपूज्य भगवान की आरती ||
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।
पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
चंपापुर नगरी भी स्वामी, धन्य हुई तुमसे। स्वामी धन्य हुई तुमसे ।
जयरामा वसुपूज्य तुम्हारे स्वामी, मात पिता हरषे ।।1।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
बालब्रह्मचारी बन स्वामी, महाव्रत को धारा। स्वामी महाव्रत को धारा ।
प्रथम बालयति जग ने स्वामी, तुमको स्वीकारा ।।2।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
गर्भ जन्म तप एवं स्वामी, केवलज्ञान लिया। स्वामी केवलज्ञान लिया ।
चम्पापुर में तुमने स्वामी, पद निर्वाण लिया ।।3।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
वासवगण से पूजित स्वामी, वासुपूज्य जिनवर। स्वामी वासुपूज्य जिनवर ।
बारहवें तीर्थंकर स्वामी, है तुम नाम अमर ।।4।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
जो कोई तुमको सुमिरे प्रभु जी, सुख सम्पति पावे। स्वामी सुख सम्पति पावे ।
पूजन वंदन करके स्वामी, वंदित हो जावे ।।5।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी, प्रभु जय वासुपूज्य स्वामी।
पंचकल्याणक अधिपति स्वामी, तुम अन्तर्यामी ।।
ॐ जय वासुपूज्य स्वामी ……
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